सीएमओ का फरमान…काम करो 30 दिन, मजदूरी मिलेगी 26 दिन
केवलारी। नगर परिषद केवलारी बने दो साल से ज्यादा समय हो चुका है परंतु इन दो सालों में नगर परिषद जनता की कम स्वयं की समस्याओं का समाधान नहीं कर पाया है। नगर परिषद के जिम्मेदार 2 सालों में भी अपने विभाग के पोर्टल को सुचारु रूप से चालू नहीं करा पाए हैं। जिससे शासन की योजनाओं का लाभ नगर वासियों को नहीं मिल पा रहा है। जिससे नगरवासी अपने छोटे-छोटे कामों के लिए 2 सालों से नगर परिषद् के चक्कर काट रहे हैं।
तो वहीं अब नगर परिषद के कर्मचारियों ने भी अपनी अनेक समस्याओं को लेकर नगर परिषद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एसडीएम केवलारी , सीएमओ नगर परिषद, थाना केवलारी को ज्ञापन सौंपा है। जिसमे बताया गया है कि नगर परिषद केवलारी के नल चालक, फिल्टर कर्मचारी, वाहन चालक, लेबर व सफाई कर्मचारियों को नगर परिषद विगत दो वर्षों से कलेक्टर दर पर दैनिक वेतन 322 रुपए प्रति दिवस के अनुसार मासिक वेतन 9660 रुपये दिया जा रहा था। जिसके एवज में उनसे प्रति दिवस 10 घंटे काम लिया जाता है परंतु जब से नगर परिषद में नवागत सीएमओ चंद्रकिशोर भंवरे की पदस्थापना हुई है। तब से उन्होंने मौखिक रूप से कर्मचारियों को आदेशित कर महीने में सिर्फ 26 दिन का वेतन भुगतान देने का फरमान सुना डाला है। जिससे इन कर्मचारियों को प्रतिमाह 1300 रुपए का नुकसान हो रहा है जबकि इन कर्मचारियों से पूरे 30 दिवस काम लिया जा रहा है परंतु मजदूरी केवल 26 दिनों की देने का फरमान सीएमओ द्वारा दिया गया है।
बढ़ती महंगाई में परिवार पालने में हो रही कठिनाई
दिनों दिन बढ़ रही महंगाई और ऊपर से नगर परिषद द्वारा चार दिनों की मजदूरी काटे जाने के फरमान से मजदूरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। गरीब मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई से लेकर परिवार का पालन पोषण करना काफी मुश्किल हो रहा है। जिसके चलते मजदूरों में चिंता और असंतोष व्याप्त है। इसके साथ ही इन कर्मचारियों को परिषद की ओर से आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की नियुक्ति पत्र तक जारी नहीं किया गया है ना ही कोई वैध दस्तावेज बनाए गए हैं जिससे कि प्रमाणित हो सके कि यह कर्मचारी नगर परिषद के कर्मचारी हैं जिससे उनके भविष्य को लेकर भी चिंता बनी हुई है।
मांगे ना मांगी जाने पर कर्मचारी करेंगे हड़ताल
वहीं अपने ज्ञापन में कर्मचारियों ने नगर परिषद को 30 दिवस का लिखित अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि नगर परिषद के कर्मचारी कड़ी मेहनत कर अपनी रोजी रोटी चलाते हैं जिसमें उनका पूरा परिवार आश्रित रहता है परंतु नगर परिषद एसएमओ द्वारा सुनाए गए फरमान से उनके परिवार और बच्चों का भविष्य अंधकार में आने की संभावना है अतः हमारी मांगे मानते हुए हमे पूरे महीने की कलेक्टर रेट में मजदूरी दिलाई जाए अन्याय समस्त नगर परिषद कर्मचारी हड़ताल करने पर मजबूर होंगे।
दो वर्षों में नहीं हुई कोई स्थाई नियुक्तियां
विगत दो वर्षों से नगर परिषद द्वारा कर्मचारियों की नियुक्ति तक नहीं को जा सकी है। सूत्रों की माने तो पूर्व में रहे अधिकारियों द्वारा लेनदेन कर बिना किसी निविदा और सूचना प्रकाशन के बड़ी संख्या में कर्मचारियों को नियम विरुद्ध कलेक्टर रेट पर काम पर लगा लिया गया है तो वहीं आज तक नगर परिषद में अनुभवी स्टाफ की कमी होने से कोई भी काम समय पर और गुणवत्तायुक्त नही हो पा रहे हैं। जिससे नगरवासी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब देखना होगा खबर प्रकाशन के बाद गरीब मजदूरों की सरकार कहे जाने वाले शिवराज सिंह और उनके नेता इन गरीब मजदूरों की कितनी सुनते हैं ?