महीने भर में ही सड़क में आने लगी दरारें
ठेकेदार को बचाने सब इंजीनियर दे रहे बेतुके जवाब
केवलारी – इन दिनों केवलारी विकासखंड में निर्माणकार्यों में खुला भ्रष्टाचार चल रहा है । जनता द्वारा इन गुणवत्ताहीन कार्य करने वाले ठेकेदारों की शिकायत करें भी तो किससे क्योंकि भ्रष्टाचार करने वाले ओर भ्रष्टाचार रोकने वालों की जुगलबंदी जमकर चल रही है । क्या अधिकारी क्या जांच टीम सब की सब मिलकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे है। भ्रष्टाचार करने वाले ठेकेदार ओर भ्रष्टाचार रोकने वाले अधिकारी और इन ठेकेदार के संरक्षक बने नेता सभी खुलकर भ्रष्टाचार के समर्थक बने हुए हैं। इतना ही नहीं ठेकेदारों को बचाने के लिए जिम्मेदार अधिकारी भी गुणवत्ताहीन कार्यों के लिए भी विज्ञान के सारे तर्कों को दरकिनार करते हुए अपने अलग ही बेतुके तर्क देते हुए प्रकृति को दोषी बता ठेकेदार को बचा रहे हैं। ऐसा ही कुछ केवलारी विकासखंड के अंतर्गत आने वाली डोभ से खरसारू को जोड़ने वाली 8 किलोमीटर सीसी रोड का जिसे लोक निर्माण विभाग द्वारा 9 करोड़ 68 लाख रुपए की लागत राशि से बनवाया जा रहा है। जिसका ठेका मेसर्स नीरज कुमार चौकसे को दिया गया है ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार द्वारा इस सड़क को रेत के स्थान पर डस्ट का उपयोग किया गया है ग्रामीणों द्वारा इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों को भी की गई एवं सीएम हेल्पलाइन में भी की गई परंतु अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाते हुए ग्रामीणों की शिकायत को ही झूठी साबित कर दी गई एवं ठेकेदार के गुणवत्ताहीन कार्य को पूर्ण गुणवत्तायुक्त बताया गया। परंतु इसके कुछ महीने बाद ही सड़क में दरारें आने लगीं ? अब सवाल यह उठता है कि अगर यह सड़क पूर्ण गुणवत्तायुक्त है और ठेकेदार के द्वारा लेब टेस्ट मटेरियल का उपयोग किया गया हे तो फिर यह सड़क किसके प्रकोप से दरारें छोड़ रही है। वहीं ग्रामीणों का कहना हे कि उक्त सड़क जल्द ही अपनी पुरानी जर्जर स्थिति में आ जाएगी।
सब इंजीनियर ने दिया ऐसा तर्क की आपको भी हंसी आ जाए
जब इस मामले में लोक निर्माण विभाग के सबइंजीनियर श्री राजगुरु चौबे को फोन लगाया गया तो उन्होंने सीसी रोड में आ रही दरारों के लिए प्रकृति को ही दोषी ठहरा दिया। उनका जवाब था कि सड़क के किनारे तालाब होने के कारण तालाब का पानी मुरम के माध्यम से सड़क में चढ़ रहा हे जिसके ऊपर से वाहन जाने से सड़क में दरारें आ रही हैं। श्रीमान सब इंजीनियर साहब के इस ज्ञान को सुनकर किसी को भी हंसी आ जाए क्योंकि ऐसा कोई तर्क आपको विश्व की किसी भी सिविल इंजीनियरिंग की किताब में पढ़ने को नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं आगे उन्होंने बताया कि कभी कभी कंक्रीट में सीमेंट ज्यादा होने से कंक्रीट ओवर हीट मार देती है जिससे क्रैक आ जाते हैं । सब इंजीनियर साहब की इन बातों को सुनकर वैनगंगा टाइम्स के संपादक प्रवीण दुबे जो कि स्वयं भी इंजीनियर हैं, ने ठेकेदार द्वारा सीसी सड़क में एक्सपेंशन ज्वाइंट नहीं बनाए जाने सहित अन्य कमियों को गिनाया और सब इंजीनियर साहब के बेतुके तर्कों को समाचार पत्र में वर्जन के रूप में लगाने को कहा तो सब इंजीनियर साहब तुरंत अपने बयान से पलटी मारते हुए दरारों का कारण ठेकेदार द्वारा सड़क में एक्सपेंशन ज्वाइंट नहीं लगाना बताया जाने लगा। सब इंजीनियर साहब की इस गुमराह करने वाली करतूत से आप अंदाज लगा सकते हैं कि ठेकेदार और अधिकारियों के बीच क्या रिश्ता होता है और ठेकेदारों को बचाने हेतु अधिकारी किस किस तकनीक का उपयोग कर सकते हैं।
समय पूर्ण होने के बाद भी नहीं हुआ काम
पूरा आपको जानकारी के लिए बता दे इस सड़क निर्माण का कार्य 10/04/2023 को प्रारंभ हुआ था जिसे 9/10/2024 तक पूरा करने की तिथि नीयत थी परंतु उसके बावजूद भी ठेकेदार द्वारा उक्त कार्य को पूरा नहीं किया गया है। आज भी उक्त सड़क का कार्य जारी है। ऐसे में जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को खुलकर संरक्षण देने की बात भी सामने आ रही है जिसके पीछे का कारण जगजाहिर है?