मुंबई. महाराष्ट्र सरकार में हाल ही में शामिल हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकंपा) के विधायकों को विभाग बांटने की अटकलों के बीच उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बृहस्पतिवार को अपने कैबिनेट सहयोगी देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. इससे पहले दिन में महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री पवार और फडणवीस ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ उनके आवास ‘वर्षा’ पर बैठक की. भाजपा के एक सूत्र ने बताया कि इसके बाद पवार और राकांपा नेता सुनील तटकरे ने फडणवीस से उनके आधिकारिक आवास ‘सागर’ पर मुलाकात की. बताया जा रहा है कि यह बैठक करीब आधे घंटे तक चली. इसी बीच, महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार और विभागों का बंटवारा शुक्रवार को होने की संभावना है.
सूत्र के मुताबिक, अजित पवार ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. राज्य में दो जुलाई को शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद पवार की शाह से यह पहली मुलाकात थी. बताया जा रहा है कि गृह, वित्त या फिर शहरी विकास मंत्रालय में से एक की चाह अजित पवार को है जबकि मुख्यमंत्री सरकार में शामिल हुई नई पार्टी को ये सब देने को तैयार नहीं है. यही वजह है कि शपथ लिए इतना वक्त बीतने के बावजूद अभी तक मंत्रालय तय नहीं हो पाए हैं. पवार पिछली महाविकास अगाड़ी सरकार में वित्त मंत्री थे.
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शिंदे बड़े मंत्रालय देने को नहीं हैं तैयार
सूत्रों की मानें तो नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री अजित पवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे केवल ऊर्जा या राजस्व मंत्रालय में से कोई एक देने के इच्छुक हैं. ये दोनों विभाग फिलहाल भाजपा के पास हैं. पवार ने अपने विधायकों के लिए सिंचाई, ग्रामिण विकास, पर्यटन, सामाजिक न्याय, महिला एंव बाल कल्याण और एक्साइज विभाग की मांग की है. महाराष्ट्र कैबिनेट में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं. अब तक केवल 29 पद भरे हैं।
जातिगत समीकरण बैठाने का चल रहा प्रयास
शिवसेना और भाजपा गठबंधन में एनसीपी की एंट्री से मंत्री पद के उम्मीदवारों की सूची लंबी हो गई है. भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘सीएम शिंदे के लिए कैबिनेट मंत्रियों का चयन करना बहुत मुश्किल काम होगा. ऐसी संभावना है कि वह कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले विधायकों का चयन करते समय जाति जैसे कारकों पर विचार कर सकते हैं, जिस तरह अजित पवार ने उनके साथ कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले विधायकों का चयन करते समय ओबीसी, एससी-एसटी और अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है.’
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FIRST PUBLISHED : July 13, 2023, 20:13 IST