वन विभाग का दोहरा चरित्र बना चर्चा का विषय
केवलारी – पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूरे देश में जमकर व्रक्षारोपण किया जा रहा। वन विभाग केवलारी द्वारा भी जमकर फोटो खिंचवाकर वाह वाही लूट रहे है । परंतु असलियत में वन विभाग केवलारी की करतूत जगजाहिर है। किस तरह से वन परिक्षेत्र केवलारी के जंगलों में वन माफियाओं के द्वारा जंगलों में अवैध कटाई की जा रही है यह वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी जानते हैं। उसके बाद भी दिखावे के लिए पौधारोपण करने और फोटो खिंचवाने का शौक वन विभाग के अधिकारियों का कम नहीं हुआ है।
पर्यावरण दिवस पर वन विभाग का दोहरा चरित्र आया सामने
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वन विभाग द्वारा खानापूर्ति हेतु कुछ व्रक्षारोपण कर जमकर फोटो सेशन किया गया जबकि इसी वन विभाग की नाक के नीचे साल भर अवैध कटाई होती रहती है।
विगत कुछ महीने पहले ही कई हेक्टर की पेड़ों को काटने की खबरे आई थी सामने
सिवनी जिले में वन विभाग की उदासीनता के चलते वन माफिया बेखौफ होकर हरियाली पर आरा चला रहे हैं। केवलारी वन परिक्षेत्र में कुछ दिन पूर्व ही एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमे केवलारी क्षेत्र के जंगल में सैकड़ों की संख्या में बेसकीमती पेड़ कटे नजर आ रहे थे। जिसमे साफ देखा जा सकता था कि केवलारी क्षेत्र के भोरगोंदी, अर्जुनझिर,के जंगल के अंदर वन माफियाओं के द्वारा सैकड़ों कीमती पेड़ों को इलेक्ट्रिक आरों की मदद से काट दिया गया था। जिसकी जांच हेतु डीएफओ सिवनी द्वारा जांच के आदेश दिए गए थे जिसमे भी विभाग द्वारा लीपापोती कर मामले को दावा दिया गया था।
वरिष्ठ अधिकारी नही देते हैं ध्यान
वनों को बचाने के लिए सरकार अपने बजट से करोड़ों रुपए वन विभाग को देती हे । जिससे दिनों दिन कम हो रहे जंगल बच सकें। परंतु केवलारी में इसके विपरीत माफियाओं को ना तो वन विभाग का खौफ है और ना ही कानून का डर। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि धड़ल्ले से हो रही पेड़ों की कटाई कहीं ना कहीं वन कर्मियों एवम वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता की ओर संकेत करती है।
गरीब लकड़ी बेचने वालों पर कार्यवाही कर पीठ थपथपाता हे विभाग
क्षेत्र में बेधड़क अवेध लकड़ी तस्करों द्वारा सैकड़ों पेड़ों को काटा जा रहा है परंतु वन विभाग इन पर कार्यवाही करने की बजाय गरीब वनवासियों,जो जंगल के गिरे हुए पेड़ों की टहनियों को काटकर सिर में रखकर कई किलोमीट शहर में बेचकर सौ दो सो रुपए में बेच अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले गरीबों और छोटे मोटे तस्करों पर कार्यवाही की जाती है और प्रेस विज्ञप्ति में विभाग द्वार इन गैरजिम्मेदार अधिकारियों की पीठ थप थपाई जाती है।