पीएचई के जल जीवन मिशन के पाइप में बह रहा भ्रष्टाचार
जिम्मेदार अधिकारी कमीशन लेकर कुंभकरण की नींद में
केवलारी – सिवनी जिले में सरकारी योजनाओं में घोटाले करना, निजी स्वार्थ के चलते जिम्मदारो के द्वारा करना आम सा हो गया है और शिकायतें के बाद भी शिकायत दबाने के लिए टेबिल के नीचे से कमाया हुआ रुपया बाट कर मामले को दबा दिया जाता हैं। वही ग्राम में नल जल प्रदाय योजना में गुणवत्ताहीन सामग्री का प्रयोग साथ ही रिटरो फिटिंग में भारी गोलमाल हो रहा है। जहां बिना माप दंड के पाईप लाईन और एजेसियों के द्वारा कार्य किया गया और पानी के उपलब्धता के बिना बना दी पानी टंकी।
केंद्र शासन में बैठी मोदी सरकार लगातार जनता को योजना का दिलाने के लिये नई नई योजनाओं का शिलान्यास कर रही है। मगर उसके अधिकारी उन योजनाओं से सिर्फ पैसा कमाने का जरिया बना लिया है। जिसमें केवलारी विकासखंड में जमकर घोटाला किया गया है। लोक स्वस्थ यांत्रिक विभाग के सहायक यंत्री और उपयंत्री और ठेकेदारों ने मिलकर शासन को करोड़ों का चूना लगाया है। नल जल प्रदाय योजना में गुणवत्ताहीन सामग्रियों का जमकर प्रयोग किया गया है। वही निर्धारित माप दंड में भी पाईप नही डाली गई है।वही विपरीत ठेकेदारों से कार्य करवाया गया है। वही विभागीय अधिकारीयो का जिसमे सहायक यंत्री उपयंत्री कार्यपालन यंत्री के द्वारा ठेकेदारों के साथ मिलकर जमकर मुनाफा लिया है। और महत्वपूर्ण योजना में लीपापोती की गई है। जिसके कारण अनेक ग्राम में नल जल योजना काम अधूरा पड़ा है। अनेक जगह चालू नहीं हो सकी है। मगर कागजों में पूरा दिखाया गया है।
पीएचई विभाग सूचना के अधिकार की उड़ा रहा धज्जियां
केवलारी विकासखंड में चल रहे भ्रष्टाचार को दबाने हेतु सीएम हेल्पलाइन और आरटीआई के नियमों को तक पर रखकर लोगों को जानकारी नहीं दी जा रहीं हैं। इतना ही नहीं स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा चल रहे कार्यों की जानकारी मांगने पर कोई न कोई बहाना बनाकर जानकारी नहीं दी जाती है। अधिकारियों द्वारा आम जनमानस को लोकहित में चल रहे कार्यों को जानकारी न देना कहीं न कहीं संदेह पैदा करता है कि कहीं पीएचई विभाग में कोई बड़ा झाला तो नहीं ?
पीएचई विभाग में ऊपर से नीचे तक हर अधिकारी का कमीशन है तय
लोक स्वस्थ यांत्रिकीय विभाग में हर अधिकारी का कॉमिशन तय है। जिसमें गुप्त जानकारी के अनुसार कार्यपालन यंत्री उपयंत्री ,सहायक यंत्री, जिला रोकड़ अधिकारी,ऑडिटर ,अधीक्षक, स्थापना अधिकारी, तक सीमित रखकर योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिसमे नमूना है कि किस अधिकरियों को कितना किस रेट से कमीशन तय है। जब जाकर अधिकारी काम करते हैं। वही जानकारी के अनुसार (1%उपयंत्री )को ,(सहायक यंत्री को 2%)को (कार्यपालनयंत्री को 3%) और (जिला रोकड़ अधिकारी को 1%) (अधीक्षक को 1/2%) और (ऑडिटर अधिकारी को 1/2%) और (स्थापन लिपिक अधिकारी को 0.5%)एक व्यवस्था बना कर जमकर शासन का माल लूटा जा रहा है।
जबकि शासन के साफ दिशा निर्देश है कि किसी भी ग्राम में नल जल योजना प्रस्तावित करने के पूर्व जल का स्त्रोत होना आवश्यक है। मगर विभाग के अधिकारियों ने ऐसी लूट मचा रखी है। शासन के दिशा निर्देश तक ताक में रखकर काम कर दिया और राशि आहरण कर ली गई है। जहाँ पानी का कोई स्रोत नही है। नल जल के पाइप लाइन का विस्तारीकरण कर दिया गया और पानी की टंकी का निर्माण कर दिया गया है। विभाग के द्वारा किये गये निर्माण कार्य की उपयोगिता जनहित और शासन हित में शून्य है। जिससे स्पष्ठ दिखाई दे रहा है। कि विभागीय अधिकारियों को जनमानस की पेय जल समस्याओं से कोई लेना देना नही है। सिर्फ कमिशन के चक्कर मे पूरा खेल रच दिया गया है और मोटा माल कमाया है।
केवलारी विकासखंड के ग्रामीणों ने अपना दर्द बतया की उपखंड में वर्षों से पदस्थ उपयंत्री और सहायक यंत्री के द्वारा जमकर गोलमाल किया गया है। जिसमें दोंनो अधिकारियों की उच्चस्तर की जाँच होनी चाहियें और इनके बैंक खाते और इनके परिवार के बैंक खातों की जाँच होनी चाहियें । वही दोंनो अधिकारियों ने विगत वर्षों से बंद नल जल योजनाओं के नाम पर जमकर फर्जी बिल बाउचर लगा राशि का आहरण किया है। जिसकी उच्चस्तर की जाँच होनी चाहियें। जिससे शासकीय धन की होली खेलने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही और राशि की वसूली की जा सकें। मगर समझ से परे है। इतना बड़ा घोटाला शासन की नाक के नीचे विभाग के अधिकारी चला रहें हैं। और विभाग और शासन को खबर तक नही है। क्यों जोकि बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। वही मनमानी तरीके ठेकेदार ने तो बिना मापदंड पाइप लाईन डाल दी और विभाग के उपयंत्री और sdo ने बिना जाँच किये ठेकेदारों को भुगतान कर दिया और विभाग के अधिकारियों सहित एसडीओ ने भी मोटा कमीशन लिया है। वही इनकी शिकायत 181 में भी की गई तो इनके द्वारा मामले की बिना जाँच किये ही शिकायत को बन्द करवा दिया जाता है । वही ऐसे अनेक मामले है। जिसमें जल जीवन मिशन में जमकर घोटाला किया गया है। और उचित जाँच नही की जा रही है।
इनका क्या कहना है
अभी मेरी ड्यूटी निर्वाचन में लगी हुई है में 10 तारीख तक व्यस्त हूं। 10 के बाद में आपको बाइट दे पाऊंगा। हमारे द्वारा गुणवत्तापूर्ण कराया जा रहा है जिसकी जांच कराने तैयार हैं।
हिरनखेड़े,एसडीओ, लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग,केवलारी