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सेंट नॉरबर्ट स्कूल केवलारी में अलंकरण समारोह का हुआ आयोजन

कप्तान” विद्यार्थी जीवन में नेतृत्व के गुणों को विकसित करने के लिए बनाए गए हैं। आगे चलकर ऐसे विद्यार्थी ही भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अप्रतिम नेतृत्व क्षमता से संपन्न होंगे। नेतृत्व का अर्थ बहुत व्यापक है। शिक्षा से लेकर खेल तक हर स्थान पर इसकी आवश्यकता है। अनुशासन, कर्तव्य निष्ठा, दायित्व बोध, दूसरों के प्रति सम्मान, देश व संविधान के प्रति अप्रतिम श्रद्धा इन गुणों के विकास के लिए ही विद्यार्थी परिषद का निर्माण किया गया है। ये बच्चे ही एक दिन देश के सच्चे और अच्छे नागरिक बनकर देश का गौरव बढ़ाएंगे। विद्यालय के पाठ्य सहगामी क्रिया-कलापों में इन कप्तानों की अहम भूमिका होती है।

केवलारी। अलंकरण समारोह उन महत्वपूर्ण मौकों में से एक है जब स्कूल नव नियुक्त स्कूल कैबिनेट को आशा, विश्वास और जिम्मेदारी का कार्यभार सौंपता है। यह समारोह उस निर्भरता और विश्वास का प्रतीक है जो स्कूल नवनियुक्त पदाधिकारियों को देता है। स्कूल की व्यवस्थाओं को संभालने के लिए छात्रों और मैनेजमेंट के बीच सांमजस्य होना आवश्यक है। इसके लिए छात्रों में से कुछ का चुनाव कर उन्हें विभिन्न उत्तरदायित्व दिए जाने चाहिए। इसी विचार के साथ सेंट नॉरबर्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल केवलारी में अलंकरण समारोह संपन्न हुआ। जिसमें स्कूल के हेड ब्वॉय, हेड गर्ल, हाउस कैप्टन, हाउस वाइस कैप्टन का चयन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में केवलारी थाना से एसआई जमुना जावरे, श्रुति शर्मा, आनंद पटले एवं क्षेत्रीयजन उपस्थित रहे। जहां अतिथियों ने सभी चयनित छात्र-छात्राओं को बैच तथा झंडा प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया।

छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों की दी जानकारी

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एसआई जमुना जावरे ने इस अवसर पर छात्रों को यातायात नियमों के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही छात्रों को गुड टच और बैड टच की जानकारी दी। साथ ही स्कूल के पीजीटी भवनेश्वर सूर्यवंशी ने बच्चों को विभिन्न जानकारियां साझा कीं एवं बच्चों को परेड सिखाने में अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम के अंत में स्कूल के प्राचार्य बाबू मोन पीटर ने छात्रों को अपने कर्तव्यों के सही तरीके से पालन की नसीहत दी। उन्होंने छात्रों को समय की पाबंदी, समर्पण, अनुशासन और दृढ़ संकल्प के मूल्यों को विकसित करने की सलाह दी क्योंकि वे कल के मशाल वाहक हैं। उन्होंने पदाधिकारियों को व्यापक छात्र हित में एकता की भावना से काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि नेतृत्व का मतलब किसी की शक्ति का आनंद लेना नहीं है, बल्कि यह दूसरों को सशक्त बनाने का एक साधन है।

Devraj Dehariya

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