भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को नगरपालिका निगम संशोधन विधेयक 2024 पारित हो गया। इस विधेयक के जरिए नगर निगम और नगर पालिका अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। अब अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा, यानी उन्हें सीधे जनता द्वारा चुना जाएगा।
अध्यक्षों की स्थिति होगी मजबूत
विधेयक में किए गए प्रावधानों के तहत नगर निगम और नगर पालिका अध्यक्षों की स्थिति को अधिक शक्तिशाली बनाया गया है। इससे नगरीय निकायों में प्रशासनिक संरचना और शक्ति संतुलन में बदलाव आएंगे।
पार्षदों के अधिकार होंगे सीमित
इस संशोधन के चलते पार्षदों के अधिकार सीमित कर दिए गए हैं। अब अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया कठिन बना दी गई है।
तीन साल तक नहीं लाया जा सकेगा अविश्वास प्रस्ताव
नए प्रावधान के अनुसार, किसी भी नगर निगम या नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ तीन साल तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा। इसके बाद भी अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए सदन के तीन-चौथाई बहुमत की आवश्यकता होगी।
यह संशोधन नगरीय निकायों में प्रशासनिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है। विपक्ष ने हालांकि इसे पार्षदों के अधिकारों में कटौती और लोकतांत्रिक संतुलन को कमजोर करने वाला कदम बताया है।