“विकास कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप, ग्रामीणों ने सरपंच सचिव के खिलाफ की कार्रवाई की मांग”
धनौरा। सरकार ग्रामीणों के उत्थान और गांवों के विकास के लिए करोड़ों रूपए पंचायत को मुहैया कराती है, लेकिन पंचायत में जनता के भरोसे से बैठे जिम्मेदारों ने इस तरह भ्रष्टाचार किया कि आज न तो विकास दिख रहा है और न ही ग्रामीणों का उत्थान। सिवनी जिले के धनौरा विकासखंड की ग्राम पंचायत सलेमा में सरकारी योजनाओं के बजट का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पंचायत के सरपंच और सचिव द्वारा किए गए अनियमित कार्यों और मनमानी ने ग्रामीणों को भारी समस्याओं में डाल दिया है।
पुलिया निर्माण में घोटाले का आरोप, ग्रामीणों को हो रही भारी परेशानियां
ग्राम पंचायत सलेमा अंतर्गत ग्राम मोहगांव में लगभग 12 लाख रुपये की लागत से बनाई गई पुलिया को लेकर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिया निर्माण में बेहद घटिया गुणवत्ताहीन सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। जिससे यह पुलिया न तो टिकाऊ है और न ही उपयोगी। इसके चलते न केवल ग्रामीणों के आवागमन में बाधा उत्पन्न हो रही है, बल्कि किसानों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ रहा है। आसपास के किसानों के खेतों में पानी भर जाने से उनकी फसलों को भारी नुकसान हो रहा है।
गुणवत्ता की कमी बनी समस्या
ग्रामीणों ने बताया कि पुलिया के निर्माण में मानकों का पालन नहीं किया गया। इसके कारण पुलिया के पास जलभराव की समस्या पैदा हो गई है। आसपास के खेतों में पानी भर जाने से फसलों को नुकसान हो रहा है। घटिया निर्माण के चलते पुलिया से गुजरने वाले लोगों को नहर के पानी एवं बारिश के मौसम में विशेष रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
किसानों के खेत जाने और श्मशान जाने वाले रास्ते में भरा पानी
ग्राम पंचायत में पुलिया की खराब स्थिति ग्रामीणों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। किसानों के खेतों और श्मशान घाट तक पहुंचने वाले रास्तों पर पानी भर जाने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के दिनों या नहरों का पानी बढ़ने पर पुलिया के पास जलभराव हो जाता है। इस कारण न केवल किसान अपने खेतों तक समय पर पहुंचने में असमर्थ हो जाते हैं, बल्कि अंतिम संस्कार के लिए शवयात्रा ले जाने में भी बाधाएं खड़ी हो जाती हैं।
गांववालों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की लापरवाही के चलते पुलिया की स्थिति लंबे समय से खराब है, लेकिन इसे ठीक कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि इस समस्या को जल्द से जल्द हल किया जाए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।
ठेकेदार पद्धति से चल रहा पंचायतों का काम, उठ रहे सवाल
ग्राम पंचायत में विकास कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पंचायत के निर्माण कार्य ठेकेदार पद्धति से कराए जा रहे हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर सरकारी धन का बंदरबांट हो रहा है।
सामुदायिक शोकपीट निर्माण, पुलिया निर्माण और अन्य विकास कार्यों को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि यह सब केवल नाम मात्र के लिए किए जा रहे हैं, जबकि जमीनी स्तर पर उनकी गुणवत्ता बेहद खराब है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस घोटाले में सरपंच, सचिव और जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत है।
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में हो रही अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के कारण विकास कार्यों का उद्देश्य अधूरा रह गया है। इन गड़बड़ियों से न केवल जनता के विश्वास को ठेस पहुंची है, बल्कि सार्वजनिक धन का दुरुपयोग भी हुआ है।
सामुदायिक शोकपीट निर्माण में भी अनियमितता
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत में सामुदायिक शोकपीट निर्माण कार्य में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई। यहां केवल लीपापोती कर धनराशि का आहरण कर लिया गया है। उनका कहना है कि निर्माण कार्य केवल दिखावटी रूप से किया गया और वास्तविक निर्माण के नाम पर मात्र लीपापोती कर धनराशि का आहरण कर लिया गया।
ग्रामीणों ने इस अनियमितता की जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। मामले को लेकर क्षेत्र में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
“ग्रामीणों ने की निष्पक्ष जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग”
ग्राम पंचायत में विकास कार्यों में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत की योजनाओं में पारदर्शिता नहीं है, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
पंचायत में बेलगाम राज
पंचायत सचिव और सरपंच पर पहले भी अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं। कायदे-कानून ताक पर रखकर विकास कार्यों में की जा रही धांधली ने सरकारी तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इन गंभीर आरोपों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करता है या यह मामला भी अन्य भ्रष्टाचार के मामलों की तरह दबा रह जाता है।
इनका कहना है –
“यह मामला आज ही मेरे संज्ञान में आया है। मैंने जांच के लिए टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
“ओंकार सिंह ठाकुर, सीईओ, जनपद पंचायत धनौरा”