सिवनी। राज्य आनंद संस्थान, आनंद विभाग मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार छपारा और लखनादौन में 18 और 19 दिसंबर 2024 को एक दिवसीय अल्प विराम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पंचायत विभाग, महिला बाल विकास विभाग, और शिक्षा विभाग के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को शासकीय कर्तव्यों के साथ अपने जीवन में आनंदित रहने की कला सिखाना था।
छपारा में आयोजन:
18 दिसंबर को छपारा मुख्यालय के राजघराना पैलेस में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) राकेश दुबे ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। उन्होंने कहा, “हम तनाव और आनंद को एक साथ महसूस नहीं कर सकते।”
विभिन्न सत्रों के माध्यम से जीवन कौशल पर हुई प्रभावी चर्चा : एक विशेष कार्यक्रम में विभिन्न सत्रों के माध्यम से जीवन कौशल और व्यक्तित्व विकास पर चर्चा की गई। इन सत्रों का उद्देश्य प्रतिभागियों को आत्म-विश्लेषण, संबंधों के प्रबंधन और सकारात्मक सोच के लिए प्रेरित करना था।
“आनंद की ओर” सत्र में मास्टर ट्रेनर नीलम विश्वकर्मा ने प्रतिभागियों को जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और खुशहाली के महत्व पर जोर दिया।
“जीवन का लोक लेखा-जोखा” सत्र का संचालन मास्टर ट्रेनर श्रद्धा ठाकुर ने किया, जिसमें उन्होंने आत्मनिरीक्षण और जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने पर चर्चा की।
सीडी सत्र, जो एक और प्रभावी सत्र था, का संचालन भी श्रद्धा ठाकुर द्वारा किया गया।
“फ्रीडम ग्लास” सत्र में प्रगति बोरकर ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से स्वतंत्रता और जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाने पर प्रकाश डाला।
“मेरे रिश्ते” सत्र में मास्टर ट्रेनर नीलम विश्वकर्मा ने प्रतिभागियों को रिश्तों में पारस्परिक समझ और संवाद की अहमियत समझाई।
सभी सत्रों में उपस्थित प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और इन्हें जीवन में नई दृष्टि प्राप्त करने में सहायक बताया। कार्यक्रम का समापन सकारात्मक ऊर्जा और प्रेरणा के साथ हुआ।
कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए। नैनमती बरकड़े और नरेश मिश्रा ने अपनी व्यक्तिगत शेयरिंग प्रस्तुत की। यह आयोजन 65 प्रतिभागियों की भागीदारी के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
लखनादौन में आयोजन:
19 दिसंबर को लखनादौन मुख्यालय के आजीविका भवन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ सीईओ जनपद पंचायत प्रशांत उईके ने किया। उन्होंने कहा, “हर कार्य का अंतिम उद्देश्य आनंद प्राप्त करना होता है।”
सत्र में 60 प्रतिभागी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
प्रतिभागियों का अनुभव:
प्रतिभागियों ने कार्यक्रम के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस प्रकार के आयोजन उन्हें अपने जीवन और कार्यों में संतुलन और आनंद बनाए रखने में मददगार साबित होंगे। उन्होंने राज्य आनंद संस्थान का आभार व्यक्त किया।