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जामुनटोला के पास भीमगढ़ दांयी तट नहर की मुख्य कैनाल फूटी, किसानों की मुश्किलें बढ़ीं

किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

सिवनी। जिले के संजय सरोवर भीमगढ़ बांध की दांयी तट मुख्य नहर जामुनटोला (कान्हीवाड़ा) के पास देर रात टूट गई। इससे बड़ी मात्रा में पानी आसपास के खेतों में भर गया, जिससे किसानों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। रबी फसल की बुआई का कार्य शुरू होने वाला है, और इस समय पर पानी की आपूर्ति में बाधा किसानों के लिए गंभीर संकट का कारण बन सकती है।

रबी फसल बुआई पर असर

रबी फसलों की बुआई का कार्य शुरू होने वाला है और किसानों को सिंचाई के लिए पानी की अत्यधिक आवश्यकता है। भीमगढ़ बांध से नहरों में पानी छोड़ा गया था, लेकिन नहर के फूटने से पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। भीमगढ़ बांध से 15 नवंबर को नहरों में पानी छोड़ा गया था। यह सुनिश्चित करने के लिए कि पानी बिना किसी बाधा के पहुंचे, नहरों की सफाई और मरम्मत का काम आवश्यक था। हालांकि, नहर की सफाई और मरम्मत में लापरवाही और चूक के संकेत मिल रहे हैं, जिसके चलते यह नहर टूट गई।

लापरवाही और चूक का परिणाम

नहरों में पानी छोड़ने से पहले व्यापक सफाई और मरम्मत कार्य आवश्यक है। ऐसा प्रतीत होता है कि इस कार्य में भारी लापरवाही बरती गई, जिसके चलते यह मुख्य कैनाल फूटी। अब मरम्मत कार्य के लिए नहर को बंद करना होगा और पुनः पानी छोड़ा जाएगा, जिससे काफी समय लगेगा।

पानी की आपूर्ति बाधित: नहर की मरम्मत के लिए पानी रोकना पड़ेगा, जिससे टेल क्षेत्र के किसानों तक समय पर पानी नहीं पहुंच सकेगा।
फसलों पर असर: रबी फसलों की बुआई के लिए यह समय महत्वपूर्ण है। पानी की अनुपलब्धता से बुआई में देरी हो सकती है, जिससे उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा।

किसानों की चिंता: जिन किसानों के खेतों में पानी भर गया है, उनकी फसल खराब होने का खतरा है। वहीं, अन्य किसान समय पर पानी न मिलने की वजह से चिंतित हैं।

भीमगढ़ बांध की अहमियत और समस्या : भीमगढ़ बांध एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध है, और इसकी नहरें भी मिट्टी की बनी हुई हैं। सिवनी जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा इन्हीं नहरों से सिंचित होता है। नहरों की कमजोर स्थिति और रखरखाव में कमी इस समस्या को और गंभीर बना रही है। भीमगढ़ बांध, एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध है, जिसकी नहरें भी मिट्टी की बनी हैं। इनकी स्थिति में नियमित देखभाल और मरम्मत की आवश्यकता होती है। इस घटना ने जल संसाधन विभाग की लापरवाही को उजागर किया है।

टेल क्षेत्र के किसानों के लिए संकट

केवलारी विधानसभा क्षेत्र, जो इन नहरों पर निर्भर है, इसमें टेल क्षेत्र के किसान सबसे अधिक प्रभावित होंगे। उनके लिए समय पर पानी न मिलना फसल उत्पादन में बाधा उत्पन्न करेगा।

आवश्यक कदम : तत्काल मरम्मत कार्य:
नहर की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता से शुरू किया जाए ताकि पानी की आपूर्ति जल्द बहाल हो सके।

जांच और जवाबदेही: नहर की सफाई और मरम्मत में हुई लापरवाही की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो।

किसानों के लिए राहत:
जिन किसानों के खेतों में पानी भर गया है, उन्हें मुआवजा दिया जाए। साथ ही, टेल क्षेत्र के किसानों के लिए वैकल्पिक पानी आपूर्ति की व्यवस्था की जाए।

यह घटना प्रशासन और जल संसाधन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो इसका प्रभाव क्षेत्र की कृषि और किसानों की आजीविका पर पड़ेगा।

Devraj Dehariya

Devraj Dehariya

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