लखनादौन- एक लम्बे अरसे से लखनादौन को जिला बनाये जाने की मांग जनमानस द्वारा की जाती रही हैं इससे पूर्व अधिवक्ता संघ लखनादौन द्वारा लंबे समय तक लखनादौन को जिला बनाए जाने के लिए आंदोलन किया गया था। परंतु प्रशासनिक दबाव के चलते यह आंदोलन स्थगित कर दिया गया था चुनाव नजदीक आते हैं उन्हें लखनादौन विधानसभा क्षेत्र वीडियो द्वारा इस मांग को बोल दिया जा रहा है इसके तारतम में गत 25 अगस्त को एसडीएम की अनुपस्थिति में लखनादौन तहसीलदार को मुख्यमंत्री के ज्ञापन सौपा गया गया था जिसमें शासन प्रशासन को 7 दिवस की मोहलत दी गई थी कि प्रदेश के मुखिया द्वारा यदि लखनादौन को जिला बनाने की घोषणा नहीं करते तो उग्र आंदोलन किया जावेगा। साथी 10 सितंबर को लखनादौन नगर को बंद कर भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया गया जन आशीर्वाद यात्रा में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं दमोह सांसद प्रहलाद पटेल ने आश्वासन दिया कि वह लखनादौन को जिला बनाने के संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा करेंगे।
अब इस कड़ी में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने मोर्चा संभाल लिया है गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर मरकाम द्वारा अपने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया गया है कि 25 सितंबर 2023 को एकत्र हूं और जुलूस के रूप में एसडीएम कार्यालय पहुंचकर अपनी बात रखें।
लखनादौन तहसील आजादी के पूर्व अंग्रेज शासनकाल के समय सन् 1860 में गठित की गई थी, तब से लेकर आज तक 163 वर्ष बाद भी यह आदिवासी, जिन एवं अन्य पिछडा वर्ग एवं अन्य के मिश्रण से बसी यह तहसील आदिवासी अंचल की सबसे पुरानी तहसील है। जब मध्यप्रदेश की राजधानी नागपुर थी तथा जिला छिंदवाडा की एकमात्र पुरानी तहसील लखनादौन भी थी उस समय सिवनी तहसील नही थी। लखनादौन आदिवासी बाहुल्य तहसील को जिला बनाने की नोंग विगत 30 – 35 वर्षों से लगातार की जाती रही है, परन्तु जिला बनाये जाने हेतु ज सामान्य के हित में कोई समुचित कदन म.प्र. शासन द्वारा नही उठाये गये और न हो आज दिनांक तक जिले का दर्जा प्रदान किया गया है।छत्तीसगढ़ के बैंटवारा के समय 45 जिलो में 29 जिले म.प्र. में तथा 16 जिले छ.ग. में विभाजित कर दिये गये थे, और सन् 2003 के बाद 29 जिलो को आज 52 जिलो में गठित कर दिया गया है, एवं मुख्यमंत्री द्वारा 03 जिलो की घोषणा भी की जा चुकी है। 02 विकासखण्डो के योग वाली तहसीले जिनकी जनसंख्या लगभग 3.50,000 रही है, उन तहसीलो को जिला का दर्जा देकर विकास के दर्जे से जोड़ दिया गया, परन्तु आजादी के 77 साल बाद भी आदिवासी बाहुल्य तहसील लखनादौन आज भी विकास की बाट जोह रही है, आदिवासी बाहुल्य तहसील लखनादौन 163 वर्षो के बाद भी अंग्रेज शासनकाल में सन् 1914 में निर्मित नवीन तहसील भवन में संचालित है, इसके पूर्व निर्मित तहसील भवन आज स्थापित है। 125 से लेकर 150 किलोमीटर की दूरी उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम चर्तुसीमा में स्थापित लखनादौन तहसील के आदिवासी एवं अन्य गरीब तबके के लोगो को छोटे छोटे कार्यों हेतु सिवनी आना – जाना पडता है, जिसमें दूरस्य अंचल के लोगो को सुबह घर से निकलकर जाना पडता है और वापिसी अगले दिन होती है। आदिवासी बाहुल्य तहसील लखनादौन भौगोलिक, राजनैतिक, आर्थिक एवं राजस्व आय क्षेत्रफल, व्यापारिक दृष्टिकोण से अंग्रेजो द्वारा गठित तहसील से सबसे अधिक राजस्व आय म.प्र. शासन को होती है। सन् 1914 में निर्मित नवीन तहसील भवन को 100 वर्ष पूरे होने पर सन् 2014 में पुरातत्व संपदा मानते हुए जिला पुरातत्व संघ सिवनी के प्रस्ताव के अनुसार शासन शताब्दी समारोह भी मनाया गया।सन् 2016 में लगभग 1 वर्ष तक प्रबुद्ध वर्ग कामीण जन, जनप्रतिनिधि, मीडिया, अधिवक्ता संघ लखनादौन के संयुक्त तत्वाधान में लखनादौन तहसील को जिला बनाये जाने की माँग को लेकर अनशन आंदोलन इत्यादि किये गये थे, तथा तात्कालीन महामहिम राज्यपाल तथा माननीय मुख्यमंत्री जी आपके समक्ष प्रतिनिधि मण्डल के माध्यम से आंकडे सहित समस्त समुचित दस्तावेजो का ज्ञापन भी दिया गया था, तथा आपके द्वारा आश्वस्त भी किया गया था कि आगामी वर्षो में हम इसका फैसला लेगें, और बल्भव भवन भोपाल द्वारा मई 2023 में उपसचिव म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल को लखनादौन तहसील को जिला घोषित करने वायदा पत्र जारी भी किया गया था, उक्त पत्र की प्रति अधिवक्ता संघ लखनादौन को प्रेषित की गई थी, परन्तु आपके द्वारा वर्तमान में 03 नये जिलो की घोषणा की गई है परन्तु लखनादौन तहसील को जिला का दर्जा दिये जाने की समुचित पहल नहीं की गई है। म.प्र. में पूर्व गठित जिलो के आंकड़े और इस लखनादौन तहसील के चार तहसील लखनादौन, छपारा, घंसौर एवं धनौरा मिलाकर कुल जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 6,29,690 है, जो कि अन्य नवीन गठित जिलो की तुलना में करीब दो गुने से भी अधिक है।
अब इस कड़ी में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने मोर्चा संभाल लिया है गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर मरकाम द्वारा अपने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया गया है कि 25 सितंबर 2023 को एकत्र हूं और जुलूस के रूप में एसडीएम कार्यालय पहुंचकर अपनी बात रखें।
लखनादौन तहसील आजादी के पूर्व अंग्रेज शासनकाल के समय सन् 1860 में गठित की गई थी, तब से लेकर आज तक 163 वर्ष बाद भी यह आदिवासी, जिन एवं अन्य पिछडा वर्ग एवं अन्य के मिश्रण से बसी यह तहसील आदिवासी अंचल की सबसे पुरानी तहसील है। जब मध्यप्रदेश की राजधानी नागपुर थी तथा जिला छिंदवाडा की एकमात्र पुरानी तहसील लखनादौन भी थी उस समय सिवनी तहसील नही थी। लखनादौन आदिवासी बाहुल्य तहसील को जिला बनाने की नोंग विगत 30 – 35 वर्षों से लगातार की जाती रही है, परन्तु जिला बनाये जाने हेतु ज सामान्य के हित में कोई समुचित कदन म.प्र. शासन द्वारा नही उठाये गये और न हो आज दिनांक तक जिले का दर्जा प्रदान किया गया है।छत्तीसगढ़ के बैंटवारा के समय 45 जिलो में 29 जिले म.प्र. में तथा 16 जिले छ.ग. में विभाजित कर दिये गये थे, और सन् 2003 के बाद 29 जिलो को आज 52 जिलो में गठित कर दिया गया है, एवं मुख्यमंत्री द्वारा 03 जिलो की घोषणा भी की जा चुकी है। 02 विकासखण्डो के योग वाली तहसीले जिनकी जनसंख्या लगभग 3.50,000 रही है, उन तहसीलो को जिला का दर्जा देकर विकास के दर्जे से जोड़ दिया गया, परन्तु आजादी के 77 साल बाद भी आदिवासी बाहुल्य तहसील लखनादौन आज भी विकास की बाट जोह रही है, आदिवासी बाहुल्य तहसील लखनादौन 163 वर्षो के बाद भी अंग्रेज शासनकाल में सन् 1914 में निर्मित नवीन तहसील भवन में संचालित है, इसके पूर्व निर्मित तहसील भवन आज स्थापित है। 125 से लेकर 150 किलोमीटर की दूरी उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम चर्तुसीमा में स्थापित लखनादौन तहसील के आदिवासी एवं अन्य गरीब तबके के लोगो को छोटे छोटे कार्यों हेतु सिवनी आना – जाना पडता है, जिसमें दूरस्य अंचल के लोगो को सुबह घर से निकलकर जाना पडता है और वापिसी अगले दिन होती है। आदिवासी बाहुल्य तहसील लखनादौन भौगोलिक, राजनैतिक, आर्थिक एवं राजस्व आय क्षेत्रफल, व्यापारिक दृष्टिकोण से अंग्रेजो द्वारा गठित तहसील से सबसे अधिक राजस्व आय म.प्र. शासन को होती है। सन् 1914 में निर्मित नवीन तहसील भवन को 100 वर्ष पूरे होने पर सन् 2014 में पुरातत्व संपदा मानते हुए जिला पुरातत्व संघ सिवनी के प्रस्ताव के अनुसार शासन शताब्दी समारोह भी मनाया गया।सन् 2016 में लगभग 1 वर्ष तक प्रबुद्ध वर्ग कामीण जन, जनप्रतिनिधि, मीडिया, अधिवक्ता संघ लखनादौन के संयुक्त तत्वाधान में लखनादौन तहसील को जिला बनाये जाने की माँग को लेकर अनशन आंदोलन इत्यादि किये गये थे, तथा तात्कालीन महामहिम राज्यपाल तथा माननीय मुख्यमंत्री जी आपके समक्ष प्रतिनिधि मण्डल के माध्यम से आंकडे सहित समस्त समुचित दस्तावेजो का ज्ञापन भी दिया गया था, तथा आपके द्वारा आश्वस्त भी किया गया था कि आगामी वर्षो में हम इसका फैसला लेगें, और बल्भव भवन भोपाल द्वारा मई 2023 में उपसचिव म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल को लखनादौन तहसील को जिला घोषित करने वायदा पत्र जारी भी किया गया था, उक्त पत्र की प्रति अधिवक्ता संघ लखनादौन को प्रेषित की गई थी, परन्तु आपके द्वारा वर्तमान में 03 नये जिलो की घोषणा की गई है परन्तु लखनादौन तहसील को जिला का दर्जा दिये जाने की समुचित पहल नहीं की गई है। म.प्र. में पूर्व गठित जिलो के आंकड़े और इस लखनादौन तहसील के चार तहसील लखनादौन, छपारा, घंसौर एवं धनौरा मिलाकर कुल जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 6,29,690 है, जो कि अन्य नवीन गठित जिलो की तुलना में करीब दो गुने से भी अधिक है।