Wainganga Times

“12 साल बाद मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला का उसके परिवार से पुनर्मिलन, श्रध्दावन पुनर्वसन केंद्र की अनोखी पहल”

सिवनी। “एक ऐसी कहानी जो दिल छू लेगी। नागपुर के श्रध्दावन पुनर्वसन केंद्र ने मानसिक रूप से अस्वस्थ और बेसहारा महिला उषा (बदला हुआ नाम) को 12 साल बाद उसके परिवार से मिलाया है। यह कहानी सिर्फ एक पुनर्मिलन की नहीं, बल्कि इंसानियत और उम्मीद की ताकत को दर्शाती है।”
घटना की शुरुआत : “यह घटना 24 जून 2024 को शुरू हुई, जब श्रध्दावन पुनर्वसन केंद्र की प्रोजेक्ट कॉऑर्डिनेटर मयूरी भोंग को नागपुर के भोले पेट्रोल पंप के पास एक बेसहारा महिला की सूचना मिली। महिला की हालत बेहद खराब थी—उलझे बाल, फटे कपड़े और मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ। स्थानीय निवासियों और पुलिस के सहयोग से महिला को श्रध्दावन केंद्र लाया गया, जहाँ उसकी देखभाल शुरू हुई।”
“श्रध्दावन केंद्र, जो महारोगी सेवा समिती द्वारा संचालित है, मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों को मदद और पुनर्वास का अवसर देता है। उषा की पहचान कैसे हुई, और यह सफर कैसे उसके परिवार तक पहुँचा।

उषा का इलाज और धीरे-धीरे पहचान उभरने की झलक

“श्रध्दावन के सायक्ट्रिक डॉक्टरों की मदद से उषा की मानसिक स्थिति में सुधार हुआ। इलाज के दौरान उसने अपने गाँव और परिवार की कुछ यादें साझा की। उसकी पहचान मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के पलारी चौकी के समीप डुंगरिया गाँव, तहसील केवलारी के निवासी के रूप में हुई। उषा का भाई संतकुमार, जो वर्षों से उसे मृत मान चुका था, उसकी जीवित होने की खबर से भावुक हो गया।”
“परिवार से मिलने का सफर आसान नहीं था। उषा को उसके गाँव पहुंचाने की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस अधिकारी, विशेष रूप से पलारी चौकी में पदस्थ उप-निरीक्षक राजेश शर्मा एवं भीमगढ़ चौकी में पदस्थ सहायक पुलिस निरीक्षक श्री पटेल ने सही गाँव और परिवार का पता लगाने में अहम भूमिका निभाई। पुलिस द्वारा 7 अक्टूबर 2024 को उषा को उसके गाँव तक पहुँचाया गया। आइए जानते हैं, इस पुनर्मिलन के दौरान क्या हुआ।”

गांव में उषा का स्वागत और भावुक पुनर्मिलन

“गाँव पहुँचने पर उषा ने धीरे-धीरे अपने परिवार और पुराने रिश्तों को पहचानना शुरू किया। उसके भाई और गाँववालों ने खुशी के आँसू बहाए। हालांकि, उसके गुम होने के बाद, उसके पति ने दूसरी शादी कर ली थी। लेकिन यह पुनर्मिलन उषा के लिए नई शुरुआत लेकर आया।”

पुनर्मिलन की यात्रा और पुलिस का सराहनीय सहयोग

“इस घटना में पुलिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सहायक पुलिस निरीक्षक श्री पटेल और उप-निरीक्षक राजेश शर्मा ने उषा के गाँव और परिवार का पता लगाने में पूरी मदद की।”
“श्रध्दावन पुनर्वसन केंद्र और पुलिस की टीम ने यह साबित किया कि जब समाज एकजुट होता है, तो चमत्कार हो सकते हैं। इस घटना ने सिवनी और आसपास के क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य और बेसहारा लोगों के लिए जागरूकता भी बढ़ाई है।”
“उषा की यह कहानी एक नई उम्मीद देती है। श्रध्दावन पुनर्वसन केंद्र और पुलिस की टीम ने मिलकर जो कर दिखाया, वह सराहनीय है। ऐसी प्रेरणादायक घटनाओं के लिए देखते रहें वैनगंगा टाइम्स “खबर वहीं जो दिखा दे आईना”।

Devraj Dehariya

Devraj Dehariya

क्या बॉक्स ऑफिस पर पठान का रिकॉर्ड तोड़ पाएगी जवान?

View Results

Loading ... Loading ...

copyright 2023 | www.waingangatimes.com | All Rights Reserved

You cannot copy content of this page

Home
Video
Search