अनुभूति कार्यक्रम में पहुंचे अधिकारियों को नहीं पता कि कुछ ही दूरी पर बेधड़क चल रहे हरियाली पर आरे
केवलारी। विगत 6 दिसंबर को केवलारी वन परिक्षेत्र के बंजारी में वन विभाग द्वारा अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किए गया जिसमें स्कूली बच्चों के सामने वन विभाग के अधिकारियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं वनों की रक्षा हेतु बड़ी बड़ी बात की गई। इस कार्यक्रम में मुख्य वन संरक्षक एस.एस. उद्दे सहित समस्त जिम्मेदार अधिकारी उपस्थित थे। परंतु हास्य का विषय यह है कि जिस कार्यक्रम स्थान पर यह अनुभूति कार्यक्रम आयोजित था उससे महज कुछ ही दूरी पर जंगल में जमकर अवैध कटाई चल रही है जिसकी जानकारी विभाग को नहीं है ?
पेड़ों को बचाने की डींगे हांकने वाले अधिकारी अवैध कटाई रोकने में नाकाम
आपको बता दें केवलारी रेंज के वन परिक्षेत्र सर्कल, कोहका, देवझिर, अर्जुनझिर, कुम्हड़ा सोनाखार बीट के अंतर्गत पर कीमती सागौन लकड़ी की अवैध कटाई की जा रही है। वन परिक्षेत्र आसपास कुछ दिनों से विभाग जिसकी आड़ में वन तस्कर कीमती लकड़ी की बेधडक़ कटाई कर रहे है। जितने भी वृक्ष आसपास लगे है उसको भी काटने की पूरी तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि उस पेड़ को गोल काटकर छोड़ दिया गया है। वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि कुछ लोग पैसे की लालच में कीमती पेड़ों को भी काट रहे हैं। जंगल में कई औषधीययुक्त कीमती पेड़ हैं, उसे भी नहीं छोड़ रहे। इन बीट के अंतर्गत काफी जंगल हैं। पिछले 2 वर्ष में स्थानीय पर्यावरण प्रेमियों द्वारा कई बार शिकायत भी की जा चुकी है फिर भी इन मामलों को लेकर इन जंगलों में कई ऐसे पेड़-पौधे जिनकी अवैध कटाई रोकने में विभाग नाकाम साबित हुआ है। वन में ऐसे कई पेड़ पौधे है जो कई बीमारियों के लिए संजीवनी का कार्य करते हैं, ऐसी परिस्थितियों में उनका काटे जाने की आशंका बनी होती है। प्रशासन भी इन पेड़ों की कटाई करने वाले लोगों के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है। आए दिन जंगलों से कई वाहन लकड़ी बाहर भी भेजी जा रही है। ग्रामीण इलाकों में हरे- भरे पेड़ो की अवैध रूप से कटाई की जा रही है। जिससे पर्यावरण संकट बढ़ रहा है। वन माफियाओं द्वारा कीमती पेड़ों की कटाई कर जंगलों को वृक्षविहीन बनाने का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है। पेड़ों की अवैध कटाई से आने वाले दिनों में प्रदूषण बढऩे की आशंका बढ़ती जा रही है। पेड़ों की अवैध कटाई कर कई लोग मालामाल हो रहे हैं। वहीं, प्रकृति से हरियाली घटती जा रही है। वन विभाग की लापरवाही या मिलीभगत के कारण जंगलों का उजाड़ किया जा रहा है। सरकार पेड़ लगाने के नाम पर हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च करती है ताकि पर्यावरण में अनुकूलता बनी रही। आज पेड़ों की कमी की वजह से लगातार मौसम में परिवर्तन देखा जा रहा है। वृक्ष को लगाने के साथ-साथ उसकी सुरक्षा का जिम्मा विभाग के अधिकारी को सौंपी जाती है, ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके परंतु वन विभाग के कुछ बिकाऊ और लापरवाह अधिकारियों की मिली भगत से लगातार जंगल की हरियाली पर बेख़ौफ़ आरे चलाए जा रहे हैं और विभाग के जिम्मेदार अनुभूति कार्यक्रम में बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की नसीहत देते नजर आ रहे हैं । इन कारनामों से वन विभाग क्षेत्र में हंसी का पात्र बन रहा है।
इनका कहना है :
अभी आपके द्वारा यहां शिकायत प्राप्त हुई है उपरोक्त विषय पर जांच की जावेगी–संस्कृति जैन, कलेक्टर सिवनी
यह विषय मेरे समक्ष आया है अगर यह प्रमाणित होता है जरूर कार्यवाही होगी–एस एस उद्दे, सी सी एफ सिवनी