Wainganga Times

सकल जैन समाज ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

केवलारी। विगत दिवस जैन समाज के संत आचार्य काम कुमार नंदी मुनिराज की नृशंस हत्या के विरोध में भारत बंद के आवाह्नान के परिपेक्ष्य में सकल जैन समाज केवलारी के द्वारा आज एकत्रित होकर के महामहिम राष्ट्रपति सहित शीर्ष नेतृत्व को ज्ञापन सौंपकर के मांग की गई कि 5 जुलाई 2023 को कर्नाटक राज्य के बेलगांव चिककोड़ी तालुका के नंदी पर्वत आश्रम पर साधनारत जैन संत आचार्य काम कुमार नंदी जी मुनिराज का अपहरण कर नृशंस हत्या करने के बाद शव के टुकड़े-टुकड़े कर फेंक दिया गया था। जैन समाज की रक्षा, जैन संतों की रक्षा के लिए एवम जैन तीर्थ क्षेत्रो पर हो रहे अवैध अतिक्रमणों को हटाने सहित विभिन्न मांगो को पूरी
कराने बावद ज्ञापन सौंपा जिसमें उल्लेख किया है तथा सम्पूर्ण जैन एवम अहिंसक सर्वसमाज घोर भर्त्सना करती है एवम इस घटना के विरोध में अपना ” निंदा प्रस्ताव पारित करती है एवम शासन प्रशासन से मांग की है कि इस मामले को फास्ट ट्रैक में ले जाकर हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा शीघ्र दी जाए।पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच कर सम्मिलित अन्य अपराधियो का भी पता लगाया जाए इस पर अभी तक प्रचलित कार्यवाहियों पर “केंद्रीय गृह मंत्री” तत्काल अपने बयान जारी करे।भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों को दिए गए संवैधानिक अधिकारों के तहत राष्ट्रीय एवम राज्य ” जैन आयोगों का गठन हो जिसे जैन हित से जुड़े मुद्दों पर सुनवाई के पूर्ण न्यायिक अधिकार हो ।राष्ट्रीय एवम राज्य स्तरीय जैन संस्कृति एवम सम्बर्धन बोर्ड के तत्काल गठन की घोषणा हो जिसके सदस्य सम्पूर्ण देश की जैन समाज की मान्य संस्थायों एवम संगठनों से चर्चा एवम समन्वय स्थापित करके सक्रीय ऊर्जावान सदस्य नियुक्त किये जायें तथा बोर्ड को समय समय पर उदभूत समस्यायों एवम मांगो की शासन से पूरी कराने का पूर्ण अधिकार हो। कानूनी प्रावधान किए जाए जिसके तहत पद विहारी समस्त साधु संतों के पद विहार के दौरान वाहन चालको द्वारा बरती जाने वाली विशेष सावधानियों का प्रावधान ड्राइविंग लाइसेंस जारी करते समय की शर्तों में ही शामिल किया जाए एवमे विभिन्न सूचनाएं एवम संकेतक सड़को के किनारे लगाए जाएं और पालन न करने पर लायसेंस रद्द किया जाए ताकि वर्तमान साधु संतों के साथ हो रही वाहन दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके। भारतीय संविधान में साधु संतों के लिए अलग से कानूनी प्रावधान किए जाए क्योंकि साधू सन्त सामान्य नागरिकों से भिन्न होते है एवं उनकी चर्या सामान्य नागरिकों से बिल्कुल अलग एवं श्रेष्ठ तथा प्राकृतिक होती है जो कि जैन आगमानुसार पालन करनी होती है जिस पर सामान्य नागरिकों पर लागू होने वाले कानून नही लगाये जा सकते है उसके लिए अलग से कानूनी प्रावधान किए जाने चाहिए ताकि भविष्य में सामान्य नागरिकों के लिए पारित कानून उनकी किसी चर्या पर विपरीत प्रभाव न डाल सके। सम्पूर्ण भारतवर्ष के विभिन्न तीर्थ क्षेत्रो एवम मंदिरों पर अवैध रूप से कब्जा किये गए है उन्हें तत्काल हटवाया जाए जैसे गिरनार जी” पर्वत पर पांचवी एवं अन्य टोंक पर भगवान नेमिनाथ के चरणों को कब्जाकर जैन धर्म के श्रद्धालुयों को सही से दर्शन भी नहीं करने दिए जाते ऐसी गतिविधियों पर रोक लगे और वहां जैन तीर्थ यात्रियों एवं पुजारियों को नियमित वहां रुककर पूजन एवम दर्शन करने का अधिकार पूर्ववत मिले।”पालीताना”, “गोम्मट गिरी तीर्थ” इंदौर इत्यादि अन्य तीर्थों पर अतिक्रमण पर रोक लगाकर तत्काल हटाये जाए।जैन तीर्थ क्षेत्रो एवम मंदिरों की पवित्रता एवम ऐतिहासिकता पर शासन प्रशासन द्वारा कोई हस्तक्षेप न किया जाए।जैन धर्म के वास्तविक इतिहास को जो कि भारत देश के नाम पड़ने से लेकर अभी तक है उसे जनसामान्य एवम विभिन्न अध्ययन पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए तथा इतिहास का पुस्तकों में जो जैन धर्म से सम्बंधित विसंगतियां है उन्हें जैन आगम अनुसार ही दूर किया जाए।

Devraj Dehariya

Devraj Dehariya

क्या बॉक्स ऑफिस पर पठान का रिकॉर्ड तोड़ पाएगी जवान?

View Results

Loading ... Loading ...

copyright 2023 | www.waingangatimes.com | All Rights Reserved

You cannot copy content of this page

Home
Video
Search