“हग्स लाइफ हॉलिस्टिक” की पहल — कारागार और सुधार गृह में जागरूकता से जुड़ा समाज व प्रशासन

गौतम बुद्ध नगर (दिल्ली) : नशे की लत और तस्करी के खिलाफ एक सशक्त मुहिम को शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से दिशा देने वाला संस्थान “हग्स लाइफ हॉलिस्टिक नशा मुक्ति केन्द्र” आज उत्तरी भारत में समाजोत्थान की एक प्रभावशाली मिसाल बन चुका है। संस्थान ने हाल ही में गौतम बुद्ध नगर जिला कारागार और राजकीय बाल सम्प्रेक्षण गृह में “नशा मुक्त भारत अभियान” के तहत विशेष जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर नशे के खिलाफ एक बड़ी पहल की है।
न्यायपालिका, प्रशासन और संस्थान का त्रिस्तरीय समन्वय
इस अभियान में विशेष बात यह रही कि इसे सिर्फ एक सामाजिक संस्था की कोशिश नहीं बल्कि न्यायपालिका, प्रशासन और समाज का समन्वित प्रयास बनाया गया। कार्यक्रम में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती ऋचा उपाध्याय की अध्यक्षता में जागरूकता की पहल को नया आयाम मिला। इस अवसर पर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, मुख्य चिकित्साधिकारी और कारागार अधीक्षक सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
नशे के विरुद्ध समाज और तंत्र की साझा लड़ाई
संस्थान के युवा संस्थापक लवलिट पीर ने इस अवसर पर कहा कि अवैध नशा और तस्करी की समस्या से लड़ने के लिए समाज और शासन-प्रशासन को एक सूत्र में बंधकर कार्य करना होगा। हग्स लाइफ हॉलिस्टिक ने इस दिशा में न केवल जेलों में जागरूकता फैलाई है, बल्कि आम जनमानस को भी इस मुहिम से जोड़ने का सफल प्रयास किया है।
राज्यस्तरीय रणनीति और मीडिया की भूमिका
भेंटवार्ता के दौरान लवलिट पीर ने श्रीमती ऋचा उपाध्याय को उनके मथुरा स्थानांतरण पर शुभकामनाएं दीं और उत्तर प्रदेश के समस्त जिला कारागारों में नशा उन्मूलन कार्यक्रमों की विस्तृत रणनीति साझा की। उन्होंने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ — मीडिया — का भी आभार व्यक्त करते हुए इसे अभियान का अभिन्न अंग बताया।
समाज के हर स्तर पर असर
यह पहल केवल कारागार तक सीमित नहीं रही, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग तक इसकी गूंज पहुंच रही है। संस्था की मुहिम यह दिखाती है कि अगर शिक्षा और संवाद के माध्यम से नशे के खिलाफ जनचेतना फैलाई जाए तो इस सामाजिक महामारी को रोका जा सकता है।




