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विश्व आदिवासी दिवस : सर्व आदिवासी समाज ने रैली निकालकर दिया एकता का परिचय

भारत ही नहीं, दुनिया के तमाम हिस्‍सों में आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं, जिनका रहन-सहन, खानपान, रीति-रिवाज वगैरह आम लोगों से अलग है। समाज की मुख्‍यधारा से कटे होने के कारण ये पिछड़ गए हैं। इस कारण भारत समेत तमाम देशों में इनके उत्‍थान के लिए, इन्‍हें बढ़ावा देने और इनके अधिकारों की ओर ध्‍यान आकर्षित करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार 1994 को अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी वर्ष घोषित किया था। इसके बाद से हर साल ये दिन  9 अगस्‍त को मनाया जाता है। ये दिन आदिवासी समुदाय के लोगों के संरक्षण और उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने का दिन है।

बड़ी संख्या में उपस्थित हुआ आदिवासी समुदाय

पलारी। मुख्यालय समेत जिलेभर में 9 अगस्त को आदिवासी समाज ने धूमधाम से विश्व आदिवासी दिवस मनाया। जगह-जगह समाज के लोगों ने विशाल रैली निकाली। वहीं अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें बड़ी संख्या में समाज के पुरुषों के अलावा महिलाओं, युवतियों ने पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वहीं केवलारी विधानसभा के अंतर्गत पलारी क्षेत्र में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज एकत्रित हुआ। और आदिवासियों पर देशभर में हो रहे अत्याचार को लेकर सरकारों के विरोध में प्रदर्शन किया गया। वहीं आदिवासियों के साथ मणिपुर, सीधी सहित कई शर्मनाक घटनाएं सामने आई है। आदिवासियों ने रैली के माध्यम से सरकार विरोधी नारे लगाते हुए उनके संरक्षण पर सरकारों का ध्यान केंद्रित करने की बात रखी।

इस कार्यक्रम को बड़े उत्साह पूर्वक डीजे एवं ढ़ोल बाजों के साथ रैली निकली गई। आपको बता दें कि रैली पलारी चौराहा से आरंभ होकर डूंडासिवनी, एकता कालोनी पलारी, बस स्टैंड, आवास कालोनी, शंकर मढ़िया, पुलिस चौकी से होते हुए आयोजन स्थल कृषि उपज मंडी मैरा पहुंची। जहां सर्वप्रथम मुख्य अतिथियों को मंच में आमंत्रित किया गया उसके पश्चात गोंड समाज के राजा महाराजाओं एवं वीर पुरुषों के छायाचित्र को तिलक वंदन कर माल्यार्पण किया गया। साथ ही आमंत्रित अतिथियों का स्वागत वंदन किया गया।

वहीं प्रवक्ताओं ने बताया कि विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समाज के मानवीय अधिकारों का सरंक्षण, उसके जल, जंगल, जमीन के अधिकार संरक्षित करने, अस्मिता आत्मसम्मान कला, संस्कृति के अस्तित्व को कायम रखने एवं शिक्षा का प्रचार-प्रसार व आदिवासी समाज में जन जागृति हैं। साथ ही समाज में व्याप्त बुराइयों जैसे शराब का सेवन, शिक्षा का निम्न स्तर, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अभाव, उन्नत व्यापार का अभाव, उन्नत कृषि का अभाव जैसी बुराइयों को मिटाने के लिए आदिवासी समाज को जागरूक करना एवं शिक्षा का व्यापक प्रचार प्रसार करना। आदिवासियों के संरक्षण पर सरकारों का ध्यान केंद्रित करने उद्बोधन दिया गया।

युवक-युवतियों ने पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर गोंडवाना संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों की दी प्रस्तुतियां

इसी कड़ी में इस पूरे आयोजन में बड़ी संख्या में मौजूद आदिवासी युवक-युवतियों ने पारंपरिक वेशभूषा में मनभावक नृत्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। साथ ही कार्यक्रम में पहुंचे समाज के वरिष्ठ जनों ने इन कलाकारों को पुरस्कृत करते हुए प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विशेष परिधानों में पुरुष महिला व बच्चे पहुंचे। जहां मंच से कार्यक्रम में पहुंचे लोगों से अपने अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर उन्हें बेहतर भविष्य के लिए तैयार करने को कहा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे गोंड महासभा प्रदेश अध्यक्ष तिरुमाल बीएस परतेती, जिला पंचायत सदस्य घूरसिंह सल्लाम, सरपंच श्रीमती प्रीता डहेरिया लोपा, घनश्याम ठाकुर, शिव प्रसाद मसराम, कीर्ति गुमास्ता, के एस तेकाम, के एस परते, अखिल गोंडवाना कोया पुनेम भूमिका पेसा कानून के विशेषज्ञ एम एल मुरापे, ग्राम पंचायत मैरा के उपसरपंच एवं वैनगंगा टाइम्स के प्रकाशक देवराज डेहरिया, सतीश डेहरिया, सुरेंद्र परते, निलेश परते, ब्लॉक प्रवक्ता गो.स.महा केवलारी सरिता रमेश सरयाम जनपद सदस्य, कार्यक्रम अध्यक्ष ज्ञानीलाल मर्रापे, ग्राम पंचायत मैरा के सरपंच पति अनिल भलावी, राजकुमार इनवाती युवा प्रकोष्ठ उपाध्यक्ष, तुलसीराम भलावी भूतपूर्व सरपंच, राजेश कुर्वेती, रामकुमार मरावी, बलराम सिंह करयाम, ओमप्रकाश भलावी एवं क्षेत्र से आए सगा समाज के लोग उपस्थित रहे।

Devraj Dehariya

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