सनातन चेतना मंच के बैनर तले नगर में निकाली गई रैली, प्रशासन से कार्रवाई की मांग
सिवनी। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में बुधवार को सिवनी नगर में सनातन चेतना मंच के तत्वावधान में धरना-प्रदर्शन किया गया। यह आयोजन नगर के ह्रदय स्थल शुक्रवारी में हुआ, जहां से प्रदर्शनकारियों ने रैली के रूप में कचहरी चौक तक मार्च किया और राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
इस प्रदर्शन में पंतजलि योग संस्थान, राष्ट्रसेविका समिति, गायत्री परिवार, इस्कॉन परिवार, सिख समाज सहित कई सामाजिक, धार्मिक और राजनैतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन नरेश मिश्रा ने किया। बड़ी संख्या में मातृशक्ति, गणमान्य नागरिक और आमजन की उपस्थिति ने इस विरोध प्रदर्शन को बल दिया।
प्रमुख वक्ताओं ने रखे विचार:
पंतजलि योग संस्थान के डॉ. गजेन्द्र डहरवाल, राष्ट्रसेविका समिति से श्रीमती शुभांगी पटेवार, भागवताचार्य पं. राजेन्द्र पांडे, गायत्री परिवार के बसंत कटरे, इस्कॉन परिवार के गोपालदास जी और सिख समाज के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे। वक्ताओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ये घटनाएं न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों पर भी आघात हैं।
रैली निकालकर सौंपा ज्ञापन
धरने के बाद, प्रदर्शनकारी तख्तियां लेकर शुक्रवारी से नेहरू रोड, नगर पालिका चौक, बस स्टैंड होते हुए कचहरी चौक पहुंचे। यहां जिला प्रशासन को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बांग्लादेश में हो रहे अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की घटनाओं को उजागर करते हुए चार प्रमुख मांगे रखी गईं:
- बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालना: भारत सरकार यह सुनिश्चित करे कि वहां अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा हो।
- अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप: संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से इन अत्याचारों के लिए बांग्लादेश सरकार को जवाबदेह ठहराया जाए।
- निष्पक्ष जांच और सजा: हिंदुओं पर हुए अत्याचारों की स्मृतंत्र जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाए।
- पुनर्वास और संपत्ति वापसी: विस्थापित हिंदू परिवारों को उनके मूल स्थानों पर बसाया जाए और उनकी संपत्तियों को लौटाया जाए।
ज्ञापन में उल्लेखित घटनाएं:
ज्ञापन में बांग्लादेश में हाल ही की घटनाओं का हवाला दिया गया, जिनमें हिंदू परिवारों पर हमले, धर्मांतरण, महिलाओं पर अत्याचार और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं शामिल थीं।24 नवंबर 2024, बगेरहाट : एक हिंदू लड़की का जबरन धर्मांतरण। 20 नवंबर 2024, बरिसाल : हिंदू समुदाय के घर और दुकानों को जलाया गया। 19 सितंबर 2024, सिलहट : मंदिरों को तोड़-फोड़ कर आग लगाई गई।
आयोजन का उद्देश्य:
इस आयोजन के जरिए सनातन चेतना मंच ने भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि बांग्लादेश में हो रहे इन अत्याचारों को तुरंत रोका जाए। वक्ताओं ने कहा कि यदि इन घटनाओं पर हम चुप रहे तो भविष्य में इनके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
सिवनी में हुए इस विरोध प्रदर्शन ने बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एकजुटता का प्रदर्शन किया। अब देखना यह है कि भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाती हैं।