सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने पत्रकारों की मांगों को जायज माना, समाधान का दिया भरोसा
नरसिंहपुर : मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में पत्रकारों के अधिकारों और सुरक्षा को लेकर चल रहा आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। संयुक्त पत्रकार मोर्चा के नेतृत्व में हो रहे इस अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन का सोमवार को पांचवां दिन था। इस दौरान भूख हड़ताल पर बैठे पत्रकार आशीष साहू (गोटेगांव), सुबोध नामदेव (नरसिंहपुर), कमलेश साहू और प्रीतम रजक ने आंदोलन को नई मजबूती दी।
धरना स्थल पर पहुंचे सांसद दर्शन सिंह चौधरी (नर्मदापुरम), विधायक विश्वनाथ सिंह पटेल (तेंदूखेड़ा) और भाजपा जिलाध्यक्ष अभिलाष मिश्रा ने पत्रकारों की मांगों का समर्थन करते हुए उन्हें जायज ठहराया। सांसद ने आश्वासन दिया कि इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।
पत्रकारों की प्रमुख मांगे:
- पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
- पत्रकारों के खिलाफ शिकायतों की संपूर्ण जांच के बाद ही कानूनी कार्यवाही हो और फर्जी मामले दर्ज न किए जाएं।
- भ्रष्टाचार के मामलों में पत्रकारों की शिकायतों पर जिला प्रशासन तुरंत कार्रवाई करे।
- वर्षों से लंबित पत्रकार भवन की मांग पूरी कर सभी सुविधाओं से युक्त भवन का निर्माण हो।
- सभी विभागों को निर्देश दिया जाए कि पत्रकारों को मांगी गई जानकारी बिना किसी देरी के उपलब्ध कराएं।
- पत्रकारों को धमकाने, डराने या मारपीट करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो।
- हर महीने पत्रकारों और जिला प्रशासन के बीच अनिवार्य बैठक आयोजित की जाए।
- पत्रकारों द्वारा दिए गए ज्ञापनों पर की गई कार्रवाई की जानकारी प्रेस नोट के माध्यम से साझा की जाए।
- सक्रिय और अधिमान्य पत्रकारों को रेलवे व बस यात्रा में रियायत मिले और गैर-अधिमान्य पत्रकारों को टोल नाकों पर छूट दी जाए।
आंदोलन को बढ़ता समर्थन:
सांसद दर्शन सिंह चौधरी के अलावा, धरना स्थल पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष नरेन्द्र राजपूत, नगर अध्यक्ष अमित गोलू राय, और जिला अधिवक्ता संघ की ओर से दिनेश कोष्टी व दीदी जया शर्मा ने भी पत्रकारों की मांगों को न्यायसंगत बताते हुए आंदोलन को अपना समर्थन दिया।
सांसद ने कहा:
“पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं। उनकी सुरक्षा और अधिकारों का संरक्षण करना हमारी प्राथमिकता है। उनकी सभी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।”
जिला प्रशासन पर सवाल:
संयुक्त पत्रकार मोर्चा ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पत्रकारों की शिकायतों और ज्ञापनों को अब तक नजरअंदाज किया गया है। मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि मांगे जल्द पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और उग्र होगा।
जनता में भी बढ़ा उत्साह:
धरना स्थल पर जुट रही भीड़ इस बात का संकेत है कि पत्रकारों की इस लड़ाई में जनता भी उनके साथ है। विभिन्न संगठनों ने भी अपनी ओर से समर्थन देने का ऐलान किया है।
संयुक्त पत्रकार मोर्चा का यह आंदोलन पत्रकारों के हितों की रक्षा और उन्हें सम्मानजनक माहौल प्रदान करने के लिए एक मजबूत कदम है। अब यह देखना है कि प्रशासन और सरकार इस पर कितनी तत्परता से कार्रवाई करते हैं।