कुरई। शासकीय महाविद्यालय कुरई में राष्ट्रीय सेवा योजना और स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना के संयुक्त तत्वावधान में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम प्रभारी प्रो. पंकज गहरवार ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहा, “हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि भारतीयता की पहचान है। यह हमारे इतिहास, संस्कृति और सभ्यता को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण सेतु है।” उन्होंने हिंदी की सरलता, सहजता और शालीनता पर जोर देते हुए इसे वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. जयप्रकाश मरावी ने कहा, “हिंदी के प्रचार-प्रसार और इसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।” उन्होंने इस वर्ष की थीम ‘एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज’ पर प्रकाश डाला।
प्रो. पवन सोनिक ने बताया कि 10 जनवरी 2006 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में विश्व हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।
कार्यक्रम के अंतर्गत डॉ. तीजेश्वरी पारधी के मार्गदर्शन में पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में वंदना दर्शनीया, प्राची लाड़े, सारांश मेंडे और योगिता ठाकुर ने अपने पोस्टरों के माध्यम से हिंदी भाषा की सुंदरता और मिठास को उजागर किया।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. पंकज गहरवार ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय स्टाफ के सदस्य डॉ. तीजेश्वरी पारधी, डॉ. राजेंद्र कटरे, प्रियंका कटरे, भारती कवास, उमा सोनेश्वर और नागेश पंद्रे उपस्थित रहे।
इस आयोजन ने हिंदी भाषा की महत्ता को रेखांकित करते हुए इसे आगे बढ़ाने और इस पर गर्व करने की प्रेरणा दी।