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कथावाचक शुभम शास्त्री ने सुनाए सती चरित्र के रोचक प्रसंग

सिवनी : नगर के उपनगरीय क्षेत्र भैरोगंज के परतापुर रोड स्थित द बीकन स्कूल प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा सुनाते हुए कथा वाचक आचार्य शुभम कृष्ण शास्त्री महाराज (छोटे सरकार) ने बताया कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे है वहां आपका, अपने इष्ट या अपने गुरु का अपमान न हो। ब्रजवासी ने कहा कि यदि अपने गुरू,इष्ट के अपमान होने की आशंका हो तो उस स्थान पर जाना नहीं चाहिए। चाहे वह स्थान अपने जन्म दाता पिता का ही घर क्यों न हो। प्रसंगवश भागवत कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा था। भागवत कथा में उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए शुभम शास्त्री ने समझाया कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है। भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। शुभम शास्त्री ने कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में जिस प्रकार के कर्म करता है उसी के अनुरूप उसे मृत्यु मिलती है। भगवान ध्रुव के सत्कर्मो की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ध्रुव की साधना,उनके सत्कर्म तथा ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा के परिणाम स्वरूप ही उन्हें वैकुंठ लोक प्राप्त हुआ। कथा के दौरान महाराज ने बताया कि संसार में जब-जब पाप बढ़ता है, भगवान धरती पर किसी न किसी रूप में अवतरित होते हैं। उन्होंने कहा कि कलयुग में भी मनुष्य सतयुग में भगवान कृष्ण के सिखाए मार्ग का अनुसरण करे तो मनुष्य का जीवन सफल हो सकता है। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है। शुभम शास्त्री ने आगे बताया कि भागवत कथा की सभी व्यवस्थाएं ग्रामीणों व नगर वासियों के द्वारा सामूहिक रूप से की जा रही है। श्रीमद् भागवत महापुराण के तीसरे दिन प्रवचन सुनने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। भागवत पर दिए जा रहे प्रवचनों को सुनने के प्रति जनता में अपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है। भागवत कथा के तीसरे दिन ध्रुव चरित्र एवं प्रहलाद चरित्र के विस्तार पूर्वक वर्णन के साथ संगीतमय प्रवचन दिए।कथा के साथ साथ भजन संगीत भी प्रस्तुत किए गए, साथ ही प्रतिदिन श्री भागवत महापुराण की आरती के बाद महाप्रसाद का वितरण भागवत कथा आयोजक सहित नगरवासियों के द्वारा किया जा रहा है। आयोजन समिति के निरंजन मिश्रा,सुनील सनोडिया,गुड्डू महाराज,मनीष सनोडिया ने बताया कि चतुर्थ दिवस श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा,जिसमे अधिक से अधिक नगरवासी से उपस्थित होकर पुण्य लाभ अर्जित करने की अपील की है।

Adil Khan

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