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इलाज के नाम पर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहा डॉ. विश्वजीत बंगाली

शिकायत के बाद भी नही हुई कार्यवाही

सिवनी। इलाज के नाम पर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग चुप्पी साधे हुए है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बिना डिग्री एवं मान्यता के झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों का उपचार कर उनकी जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। लेकिन इन डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ग्रामीणों की भाषा में बंगाली डॉक्टर कहे जाने वाले इन डॉक्टरों द्वारा छोटी बड़ी सभी बीमारियों का शर्तिया इलाज कराने का दावा किया जाता है। इनके जाल में फंसकर कई मरीजों की बीमारियां लाइलाज बन चुकी है। जबकि कुछ मरीज अपनी जान भी गंवा चुके है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की इन डॉक्टरों पर मेहरबानी बनीं हुई है। सिवनी जिले सहित आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में इन झोलाछाप डाक्टरों ने अपने घरों में क्लिीनिक खोल रखे है। इसके अलावा ये डॉक्टर गांवों में फैरी लगाकर भी मरीजोंं का इलाज करते है। ये डॉक्टर मरीजों को अपनी बातों में फंसाकर शत प्रतिशत गारंटी का भरोसा दिलाते हुए मनमानी फीस वसूलते है। इनका इलाज मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। ये डॉक्टर अपने पास से मरीजों को एन्टीवायटिक दवाईयां देने के साथ ही बकायदा पर्चे पर भी दवाई लिखकर मरीजों को बाजार से खरीदने का कहते है। मेडीकल स्टोर्स संचालक भी इन डॉक्टरों की पर्ची पर लिखी दवाएं मरीजों को दे देते है। इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्रों में दिनों दिन झोलाछाप डाक्टरों संख्या में बढ़ती जा रही है।
अभी हाल ही में धनौरा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम कुड़ारी में  डॉ. विश्वजीत मण्डल (बंगाली) द्वारा कथित रूप से अवैध चिकित्सा अभ्यास करने का मामला सामने आया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वे बिना मान्य डिग्री और उचित जाँच के मरीजों का इलाज कर रहे हैं, हाई पावर दवाइयों का डबल डोज मरीजों को दिया जा रहा है, साथ ही अवैध रूप से गंभीर ऑपरेशन कर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। बता दें कि ग्राम कुड़ारी निवासी पीड़ित सुखचैन यादव ने कलेक्टर, जिला चिकित्सा अधिकारी, खाद्य एवं औषधि निरीक्षक और स्वास्थ्य विभाग धनौरा के बीएमओ, सहित थाना प्रभारी को लिखित शिकायत देते हुए डॉ. विश्वजीत मंडल (बंगाली) पर तत्काल कार्यवाही करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि डॉ. बंगाली ने बिना सहमति के उनका जबरन ऑपरेशन किया और फीस के नाम पर मोटी रकम वसूली है। डॉ. बंगाली के पास कोई वैध डिग्री नहीं होने के बावजूद वे आसपास के क्षेत्रों के मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

मानव जीवन से खेल रहा बंगाली डॉक्टर

शिकायत में कहा गया है कि डॉ. बंगाली द्वारा पथरी, रीसा का ऑपरेशन, महिला प्रसूती और अवैध रूप से मेडिसिन रखना जैसी गतिविधियाँ की जा रही हैं। इससे कई लोगों की मौत हो चुकी है।

डिग्री और योग्यता का अभाव : डॉ. बंगाली के पास मान्यता प्राप्त चिकित्सा डिग्री नहीं है। इसके बावजूद वे आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों का इलाज और ऑपरेशन कर रहे हैं।
अवैध चिकित्सा और दवा का दुरुपयोग : मरीजों की जाँच किए बिना हाई पावर मेडिसिन का प्रयोग। अवैध रूप से दवाइयों का भंडारण और उपयोग।
गंभीर ऑपरेशन : पथरी, रीसा, और महिला प्रसूति जैसे जटिल ऑपरेशनों को अवैध रूप से अंजाम देना।
इन गतिविधियों के कारण कथित रूप से कई मरीजों की मौत हो चुकी है।
मरीजों की सहमति का उल्लंघन : सुखचैन यादव ने दावा किया कि उनका ऑपरेशन बिना उनकी अनुमति के किया गया।
वसूलते है मनमानी फीस : इन झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा इंजेक्शन एवं बाटल भी मरीजों को लगाई जाती है। दर्द निवारक टेबलेट के अलावा एन्टीवायटिक दवाइयों एवं इंजेक्शनों का इन डॉक्टरों के पास भरपूर स्टॉक होता है। जो शहर के मेडिकल दुकानदार इन्हें भारी कमीशन के उपलब्ध कराते है। इन दवाओं की मरीजों से मनमानी कीमत वसूलते है। ऐसा करके झोलाछाप डाक्टरों द्वारा लोगों से मोटी रकम वसूलने के साथ ही उनकी जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

गांव-गांव खोल रखे है क्लिनिक

विकासखंड के अधिकांश गांवों में झोलाछाप डॉक्टरों के क्लिीनिक दिखाई देते है। जहां मरीजों के लिए एक पलंग एवं अंटेडर की व्यवस्था होती है। इन क्लिनिकों में मरीजों की भीड़ लगी रहती है। इस संबंध में ग्रामीणों से चर्चा की तो उनका कहना था कि गांव के स्वास्थ्य केन्द्र में डाक्टर नहीं होने से उन्हें मजबूरी में इन्ही डाक्टरों से उपचार कराना पड़ता है।
इन अवैध गतिविधियों से कथित तौर पर कई मरीजों की मौत हो चुकी है।

शिकायतकर्ता की मांग

शिकायतकर्ताओं ने जिला कलेक्टर, चिकित्सा अधिकारी, खाद्य एवं औषधि निरीक्षक, और थाना प्रभारी से अपील की है कि: डॉ. बंगाली की डिग्री और चिकित्सा योग्यता की जाँच की जाए। तथा
उचित कार्रवाई कर उनके अवैध अभ्यास को तत्काल रोका जाए।

प्रभाव और आवश्यक कदम

जन स्वास्थ्य को खतरा : यह मामला केवल कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य और जीवन के लिए सीधा खतरा है।
तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता : डॉ. बंगाली की चिकित्सा योग्यता और प्रमाण पत्र की सत्यता की जाँच। क्षेत्र में उनके अवैध क्लीनिक को सील करना। हाई पावर दवाओं के भंडारण और उनके स्रोत की जाँच करना।
कानूनी कार्यवाही : यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में कठोर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए।
जनजागरूकता : ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को प्रशिक्षित डॉक्टरों से ही इलाज कराने के लिए जागरूक करना अनिवार्य है।
डॉ. विश्वजीत मण्डल (बंगाली) के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं और इनसे जनजीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। प्रशासन को शीघ्र जांच कर उचित कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

Devraj Dehariya

Devraj Dehariya

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