गृहमंत्री अमित शाह की बाबासाहेब आंबेडकर पर टिप्पणी पर बहुजन समाज पार्टी ने की कड़ी निंदा
सिवनी। भारत के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र (17 दिसंबर 2024) में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विरुद्ध की गई अशोभनीय टिप्पणी को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जिला सिवनी ने महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में गृहमंत्री की टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए उनके खिलाफ उचित कार्रवाई एवं माफी मांगने की बात रखी गई।
ज्ञापन सौंपने के दौरान बसपा के जिला जोन प्रभारी उमाकांत बंदेवार, जिला प्रभारी डी. एल. अहिरवार, सुभाष चौधरी, जिलाध्यक्ष लालसिंह नंदौरे, महासचिव मुन्ना चौधरी, महामंत्री प्रेम चंद साहू, कोषाध्यक्ष रामभवन डहेरिया, व्ही व्ही एफ संयोजक मनोहर डेहरिया, रवि मेश्राम विधानसभा प्रभारी सिवनी, कैलाश डहेरिया विधानसभा प्रभारी केवलारी, तामसिंह परतें विधानसभा प्रभारी बरघाट, रामसिंह रजक विधानसभा प्रभारी लखनादौन, जयकुमार डहेरिया विधानसभा अध्यक्ष सिवनी, शैलेन्द्र कोहरे विधानसभा अध्यक्ष केवलारी, दशरथ डहेरिया बसपा नेता, सिवनी नगर अध्यक्ष तथा अन्य कार्यकर्ता और समर्थक उपस्थित रहे।

यह घटना डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जैसे महान व्यक्तित्व के सम्मान से जुड़ी है, और गृहमंत्री की कथित टिप्पणी पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) द्वारा उठाई गई आपत्ति महत्वपूर्ण है। बसपा जिला सिवनी द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने का उद्देश्य यह दिखाता है कि आंबेडकर के प्रति सम्मान और उनकी विचारधारा की रक्षा करना उनके लिए प्राथमिकता है।

ज्ञापन में गृहमंत्री की टिप्पणी की निंदा के साथ-साथ उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग और माफी की अपेक्षा यह संकेत देती है कि ऐसे विषयों पर देशव्यापी संवाद और सहमति आवश्यक है। यदि यह मामला सार्वजनिक स्तर पर चर्चा में है, तो यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि केंद्र सरकार और संबंधित संस्थाएं इस पर कैसे प्रतिक्रिया देती हैं।

26 नवम्बर संविधान दिवस पर होगा कार्यक्रम का आयोजन
संविधान दिवस के अवसर पर 26 नवंबर 2024 को सेंट नार्बट स्कूल, केवलारी में कार्यक्रम आयोजित किया गया है। यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस प्रकार के आयोजन न केवल भारतीय संविधान की भावना को समझने और उसे सम्मानित करने का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक करते हैं।
कार्यक्रम में वक्ताओं द्वारा संविधान पर विचार साझा किये जाएंगे। ऐसे आयोजन युवाओं और समाज के विभिन्न वर्गों को संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रेरित करने का माध्यम बन सकता है।